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हरियाणा के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मांगा है।

हरियाणा के मंत्रियों ने ट्रांसफर-पोस्टिंग अधिकार की मांग की, सीएम नायब सैनी ने इस तरह की प्रतिक्रिया दी

हरियाणा के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मांगा है। फिलहाल, मंत्री ग्रुप डी के स्थानांतरित करने का अधिकार चाहते हैं। मंत्री अपने-अपने जिलों के विधायकों की मांग को देखते हुए यह अधिकार चाहते हैं। हरियाणा सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी हाईकमान से चर्चा करके इस दिशा में फैसला कर सकते हैं। हुड्डा सरकार में भी मंत्रियों को तबादलों का अधिकार दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें वापस ले लिया गया था। हुड्डा के बाद सत्ता में आए मनोहर लाल के पहले कार्यकाल में, मंत्रियों को हर साल एक महीने के लिए ग्रुप डी के तबादलों का अधिकार दिया गया था।

वर्तमान में, सिर्फ मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में तैनात HCS अधिकारी (OSD) के पास ये अधिकार हैं, जो आदेशों को जारी करते हैं। प्रदेश सरकार में 11 कैबिनेट और दो राज्य मंत्री ने ग्रुप बी कर्मचारियों के तबादले और स्थानांतरण के अधिकार मांगे हैं। फिलहाल, उन्हें भी चार दर्जे के कर्मचारियों को बदलने का अधिकार नहीं है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रियों ने सीएम को बताया कि अधिकारियों को स्थानांतरित करने के लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। यह देरी करता है क्योंकि बार-बार CMO और OSD से मंजूरी लेनी पड़ती है।

मंत्रियों की मांग पर विचार

इस पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। मंत्रियों की मांग पर चर्चा चल रही है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। मंत्रियों की मांग पर मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें 20 दिन के लिए तबादलों के अधिकार दिए गए। 2019 से प्रदेश में तबादलों पर एक ही प्रणाली लागू है। जिसमें मंत्री केवल ग्रुप सी और डी के तबादलों पर अपनी सिफारिशें देते हैं। इसके बाद यह सुझाव मुख्यमंत्री नायब सैनी को भेजे जाते हैं। एचसीएस स्तर के अधिकारी, जो वहां बतौर ओएसडी तैनात हैं, तबादलों पर निर्णय लेते हैं।

ओएसडी के पास हैं सारे अधिकार

HCS अधिकारी (OSD) प्रदेश में IAS, IPS और ग्रुप B-D कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के आदेश देता है। उन्हें इसके लिए पहले मुख्यमंत्री से मंजूरी लेनी होगी। मंत्री वर्ष में एक महीने तक ट्रांसफर कर सकते थे, पहली मनोहर सरकार में। 2019 में यह प्रणाली समाप्त हो गई और तबादलों का अधिकार पूरी तरह से मुख्यमंत्री के पास आ गया। मंत्रियों ने कहा कि OSD के माध्यम से ट्रांसफर के फैसले में देरी से लोगों को गलत जानकारी मिली है। विधायकों को भी कर्मचारियों को स्थानांतरित करने में मुश्किल हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि अधिकार देने से प्रशासनिक प्रक्रिया तेज होगी और प्रदर्शन में सुधार होगा। मंत्रियों की इस मांग पर मुख्यमंत्री जल्द ही निर्णय ले सकते हैं।

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Neha

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