राज्य

गुजरात के राज्यपाल Acharya Devvrat की उपस्थिति में प्रसिद्ध ऋषि मेला का भव्य उद्घाटन

राज्यपाल Acharya Devvrat ने कहा कि देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने में महर्षि दयानन्द के वैदिक विचारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।

गुजरात के राज्यपाल Acharya Devvrat ने भारतीय नव जागरण के पुरोधा महर्षि दयानन्द सरस्वती के 200 वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में ऋषि उद्यान में आयोजित ऋषि मेले के उद्घाटन सत्र में कहा कि वेद ज्ञान से ही मानव की सर्वांगीण उन्नति सम्भव है। मानव-मात्र का परम हितकारी अंधविश्वास-कुप्रथा मुक्त वेदज्ञान व वैदिक संस्कृति का विस्तार सम्पूर्ण विश्व में हो, यही महर्षि दयानन्द की इच्छा थी।
उद्घाटन सत्र में सामाजिक जागरण में महर्षि दयानन्द का योगदान विषय पर बोलते हुए गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत ने कहा कि देश को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने में महर्षि दयानन्द के वैदिक विचारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। महर्षि दयानन्द के विचारों से प्रभावित होकर हजारों लोगों ने अपना घर-बार छोड़कर देश स्वतन्त्र कराने में योगदान दिया।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि महर्षि दयानन्द एकमात्र ऎसे धार्मिक नेता हैं जिन्होंने मानव की प्रगति में आने वाले सब बाधाओं, अज्ञानों, कुरीतियों, अंधविश्वासों पर प्रहार कर सद्पथ दिखलाया। महर्षि दयानन्द के समकालीन व बाद के प्रायः सभी महापुरुषों पर महर्षि दयानन्द के प्रगतिशील विचारों का प्रभाव पड़ा था। महात्मा गांधी के स्वदेशी व अछुतोद्धार कार्यक्रम महर्षि दयानन्द प्रेरित ही थे। वैदिक गुरुकुलों में ही पवित्र ज्ञान व पवित्र आचरण से युक्त शिक्षा-व्यवस्था है। अतः हम सभी अपनी संतानों को गुरुकुल शिक्षा दिलाएँ व समाज का कल्याण करें। आज सभी माता-पिता अपनी सन्तानों की मोबाइल व टीवी केे प्रति आसक्ति से त्रस्त हैं। ऎेसे में गुरुकुल शिक्षा ही औषधि है।
आचार्य देवव्रत ने वेद व ऋषि ज्ञान से मानव कल्याण के तीन उपाय गुरुकुल शिक्षा का विस्तार, सोशल मीडिया से उद्भट विद्वानों द्वारा वेदज्ञान का प्रचार, हितकारी ग्रन्थों का डिजिटलाइजेशन बताए। इन उपायों के साथ ही अछुतोद्धार, जातिप्रथा, अंधविश्वास कुप्रथा कुरीति-उन्मूलन सेवा कार्य, वृक्षारोपण जल संरक्षण आदि कार्यों को भी आर्यसमाज को आगे बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों, कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से धरती माता बीमार हो गई हैं। गौ-आधारित प्राकृतिक खेतों से ही जमीन विषमुक्त होगा व मानव का कल्याण होगा। प्राकृतिक खेती और गो-उत्थान से ही मानव कल्याण होगा। भारतीय गायों का नस्ल सुधार भी आवश्यक है। उन्होंने वेद-प्रचारार्थ परोपकारिणी सभा को 11 लाख रुपए का सात्विक दान दिया।
केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री और अजमेर के सांसद श्री भागीरथ चौधरी ने इस सत्र में अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महर्षि दयानन्द ने गुलामी के अंधेरे में देश को जगाने का काम किया। ऋषि दयानन्द ने छुआछूत, अंधविश्वास कुप्रथा पर प्रहार कर नारी शिक्षा व सर्वजन शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया। आज धरती बीमार है जब धरती स्वस्थ होगी तभी हम भी स्वस्थ रहेंगे। गौ आधारित प्राकृतिक खेती ही स्वस्थ-जीवन का उपाय है। सांसद कोष से ऋषि उद्यान में सेमिनार हॉल निर्माण के लिए पच्चीस लाख देने की घोषणा की। यह भवन संस्कृत, वेद शास्त्रों के पठन पाठन और वैदिक अनुसंधान के काम आएगा।यहां योग की भी शिक्षा दी जाएगी।
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि हम आर्य-श्रेष्ठ बनकर विश्व को भी आर्य (श्रेष्ठ) बनाएं। यही ऋषियों की कल्याणकारी शिक्षा आज समाज सुधार व सामाजिक उत्थान महर्षि दयानन्द के विचारों से ही सम्भव है। स्वभाषा, स्वावलम्बन, स्वधर्म, स्वशिक्षा, स्वराष्ट्र, स्वसंस्कृति ऋषि दयानन्द के नारे थे।
श्री देवनानी ने कहा कि राजस्थान सरकार से अनुरोध किया गया है कि ऋषि उद्यान से रामप्रसाद घाट होते हुए सुभाष उद्यान तक के मार्ग का नाम महर्षि दयानन्द मार्ग किया जाएगा। साथ ही उन्होंने अंग्रेजों के प्रतीक किंग एडवर्ड मेमोरियल का नाम भी बदल कर महर्षि दयानन्द के नाम से रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मैं जब शिक्षा मंत्री था तो स्कूल की पुस्तकों से अकबर महान् पाठ हटाकर महाराणा प्रताप महान् पाठ प्रारम्भ कराया। आज राजस्थान सरकार ऋषि उद्यान से लेकर सुभाष उद्यान के क्षेत्र का नाम महर्षि दयानन्द के नाम पर रखने का विचार कर रही है।
समारोह में भाग लेने से पूर्व गुजरात राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, श्री वासुदेव देवनानी व श्री भागीरथ चौधरी ने यज्ञ में भाग लिया व वेद मन्त्रों की आहुति दी। समारोह के दौरान महर्षि दयानन्द की द्वि जन्म शताब्दी के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका और वैद्य रविदत्त जी पुस्तक का विमोचन किया। पुरुषोत्तम आर्य ने भारत सरकार के डाक विभाग द्वारा जारी किये गये विभिन्न डाक टिकटों का संकलन भेंट किया। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. योगानन्द शास्त्री पूर्व अध्यक्ष विधानसभा दिल्ली ने की, संचालक डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार थे। सत्र में डॉ. सुरेन्द्र कुमार – पूर्व कुलपति ने भी विचार व्यक्त किए। दिनेश पथिक ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी।
editor

Recent Posts

हरियाणा के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मांगा है।

हरियाणा के मंत्रियों ने ट्रांसफर-पोस्टिंग अधिकार की मांग की, सीएम नायब सैनी ने इस तरह…

20 hours ago

Stock Market Crash: HMPV केस के बाद शेयर बाजार में सुधार, लेकिन हेल्थकेयर स्टॉक्स में लॉटरी

Stock Market Crash: भारत में एचएमपीवी केस के सामने आने के बाद शेयर बाजार में…

20 hours ago

भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले चुनौती! शमी के बाद बुमराह की चोट ने चिंता बढ़ा दी

भारतीय क्रिकेट टीम को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।…

20 hours ago

भारत में 8 महीने के बच्चे में HMPV वायरस मिला, जानें इसके नुकसान

बेंगलुरु के एक हॉस्पिटल में एक आठ महीने के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के…

20 hours ago

Lohri 2025: लोहड़ी की आग में क्या-क्या डालते हैं? लोहड़ी कब मनाये जायेंगी?

Lohri 2025: लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले होती है। शाम को  लोग इसकी…

20 hours ago

50MP कैमरा और 8GB RAM वाले itel A80 की कीमत 10 हजार से भी कम है, जानें फीचर्स।

itel, एक स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी, ने आज एक सस्ता स्मार्टफोन मार्केट में लॉन्च किया…

20 hours ago