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डॉ. जितेंद्र सिंह ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम के माध्यम से वाईएसआर कडप्पा में विकास पहल को मजबूत किया

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्वयं सहायता समूह भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की क्षमता का परिचायक है

  • डॉ. सिंह ने महिला-नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूह की सराहना करते हुए इन्हें आर्थिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया
  • मोरागुडी में केंद्रीय रसोई की आधारशिला रखी: स्कूली बच्चों के लिए शिक्षा और पोषण को बढ़ावा देना
  • गंडिकोटा के पर्यटन विकास की परिकल्पना: डॉ. जितेंद्र सिंह ने विरासत-नेतृत्व वाली आर्थिक रूपरेखा प्रस्तुत की

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मोरागुडी गांव में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से संबद्ध लगभग 3,000 महिलाओं की एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन एजेंडे की प्रमुख प्राथमिकता के रूप में “महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास” के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह भारत में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की क्षमता को दर्शाते हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) के तहत वाईएसआर कडप्पा की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और पर्यटन सहित प्रमुख विकास प्राथमिकताओं पर जोर दिया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने मोरागुडी गांव का दौरा किया, जहां उन्होंने महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से मुलाकात की। ये समूह वित्तीय साक्षरता, खाद्य प्रसंस्करण और हथकरघा और बाजरा आधारित उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देकर ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा रहे हैं। पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) जैसी केंद्रीय योजनाओं द्वारा समर्थित, ये एसएचजी आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए आशा की किरण का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने इनके प्रयासों की सराहना की और सीडैप जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से भविष्य में कौशल विकास को प्रोत्साहित किया, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में रोजगार और उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ाना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम से पहले ने एक प्रदर्शनी का दौरा किया जिसमें स्थानीय खाद्य पदार्थों और उपयोग संबंधी उत्पादों सहित विविध प्रकार की वस्तुओँ को प्रदर्शित किया गया था। इस प्रदर्शनी में प्रतिभागियों की रचनात्मकता और उद्यमशीलता की भावना को दर्शाया गया, जिसमें स्वदेशी वस्तुओं और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया गया।

उनकी इस यात्रा के दौरान शिक्षा और बुनियादी ढांचे का विकास भी प्रमुख प्राथमिकताएं थीं। मोरागुडी के जिला परिषद हाई स्कूल में डॉ. सिंह ने एक केंद्रीय रसोई की आधारशिला रखी। यह सुविधा स्कूली बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करेगी, जिससे मध्याह्न भोजन कार्यक्रमों का प्रभावी वितरण सुनिश्चित होगा। उन्होंने सड़क, जल निकासी व्यवस्था, आवास और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सहित चल रही बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी निरीक्षण किया। ये पहल जिले में दीर्घकालिक, सतत विकास के लिए आधार तैयार करने में महत्वपूर्ण हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बाद में, गंडिकोटा का दौरा किया जो अपने बेहतरीन परिदृश्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए विख्यात एक ऐतिहासिक स्थल है। स्थानीय अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान, उन्होंने इस क्षेत्र के लिए आर्थिक उत्प्रेरक के रूप में पर्यटन क्षमता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गंडिकोटा को एक प्रमुख विरासत स्थल के रूप में विकसित करके, सरकार का लक्ष्य इस स्थल के अद्वितीय आकर्षण और इतिहास को संरक्षित करते हुए रोजगार के अवसर पैदा करना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने समान विकास को बढ़ावा देने में आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) के महत्व को दोहराते हुए कहा, “एडीपी ने हमें दिखाया है कि केंद्रित शासन और सहयोग के साथ, हम सबसे अविकसित क्षेत्रों का भी उत्थान कर सकते हैं और स्थानीय निवासियों को देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों के बराबर अवसर प्रदान कर सकते हैं। यह हमारे प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का प्रमाण है, जो एक समावेशी और प्रगतिशील भारत में विश्वास करते हैं।”

डॉ. सिंह की वाईएसआर कडप्पा यात्रा ने न केवल एडीपी के तहत जिले की उपलब्धियों को उजागर किया, बल्कि उन चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला जो अभी भी बनी हुई हैं। उनके विस्तृत आकलन और विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत से इन कमियों को दूर करने के लिए योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि जिला समग्र विकास की दिशा में आगे बढ़ता रहे।

डॉ. जितेंद्र सिंह का सक्रिय दृष्टिकोण नीतियों को प्रभावशाली कार्यों में बदलने के सरकार के संकल्प को दर्शाता है। एडीपी जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, प्रशासन स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे पूरे भारत में सतत प्रगति के लिए एक विस्तृत योजना तैयार हो सके। वाईएसआर कडप्पा का परिवर्तन केवल एक जिले के विकास की कहानी नहीं है, बल्कि देश में समान विकास के भविष्य के लिए एक परिकल्पना है।

source: http://pib.gov.in

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Neha

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