इस अवसर पर राज्य मंत्री द्वारा विभाग की राजभाषा पत्रिका ‘सुरभि’ के दूसरे संस्करण का विमोचन भी किया गया। अपने संबोधन में राज्य मंत्री ने राजभाषा के महत्व का उल्लेख करते हुए इससे जुड़ी कई रोचक घटनाओं पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर भी जोर दिया। श्री बघेल ने कहा कि हमें अपनी बोली, अपना पहनावा और अपना खान-पान कभी नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि यही हमारी मूल पहचान है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों से अपने दैनिक कामकाज में राजभाषा को अपनाने का आह्वान किया।
SOURCE: http://pib.gov.in
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