Delhi Mayor Election Postponed: पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने के कारण 26 अप्रैल को दिल्ली मेयर का चुनाव टल गया है। एलजी चुनाव टालने का आरोप आपके नेताओं ने लगाया है।
आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव में संघर्ष कर सकते हैं। इसलिए 26 अप्रैल को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना चाहिए था। सभी तैयारियां पूरी हो गईं। चुनाव आयोग ने भी इसे अनुमोदित किया था, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने चुनाव कराने के लिए आवश्यक पीठासीन अधिकारी नहीं नियुक्त किए। नतीजतन, मेयर चुनाव को अंतिम समय में रद्द कर दिया गया।
दिल्ली राजनिवास से जारी पत्र में कहा गया है कि मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव स्थगित कर दिया गया है, पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति को लेकर। LG ने अपने पत्र में कहा कि उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से मेयर चुनाव को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है। पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने के लिए अपनी शक्ति को प्रशासक के रूप में उपयुक्त नहीं समझते
DMC Act क्या कहता है?
दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 (संशोधित 2022) की धारा 77 (ए) के अनुसार, मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव करने के लिए पीठासीन अधिकारी का नामांकन आवश्यक है। LG ने पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की, इसलिए चुनाव स्थगित हो गया।
कब मेयर चुनाव होंगे?
राजनिवास से पत्र जारी होने के बाद एमसीडी ने कहा कि उसे निर्वाचन आयोग से महापौर चुनाव कराने की अनुमति मिल गई है, लेकिन पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं मिली है। ऐसे में महापौर और उपमहापौर का चुनाव करना असंभव है। अगला चुनाव कब होगा, यह भी अभी स्पष्ट नहीं है। सरकार की ओर से जारी पत्र के मुताबिक पीठासीन अधिकारी तभी नियुक्त किए जाएंगे, जब सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से एलजी को इस बात की सूचना मिले
AAP ने LG को जिम्मेदार ठहराया
आम आदमी पार्टी के नगर निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने चुनाव को रद्द करने के लिए एलजी पर आरोप लगाया है। उनका दावा है कि चुनाव आयोग की मंजूरी के बावजूद, एलजी मेयर का चुनाव स्थगित कर दिया गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के सुझाव पर काम कर रहे हैं और मुख्यमंत्री अभी उपस्थित नहीं है। यह क्या मजाक है, दुर्गेश पाठक?
दलितों को मेयर बनने का मौका दिया गया
उन्होंने पूछा कि एलजी ने सीएम से क्या सुझाव दिया है? पिछली बार भी उन्होंने नियमों का उल्लंघन करके पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति की थी। आप नेता कहते हैं कि पांच वर्ष में एक बार दलित समाज के व्यक्ति को मेयर बनने का मौका मिलता है