मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने श्री सहज पाठ सेवा (श्री अमृतसर) द्वारा 11 हजार सहज पाठ का शुभारम्भ तथा सिख धर्म से जुड़े प्रश्नों से युक्त पाठ्य-पुस्तक का विमोचन किया
- वीर बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर ऐतिहासिक समागम का आयोजन
- गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार-चार साहिबजादों ने अपनी शहादत देकर देश और धर्म की रक्षा की पक्की नींव खड़ी की: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि पूरा भारत देश और धर्म के लिए शहादत की नई कहानी लिखने वाले बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह जी के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते हुए, उन्हें नमन कर रहा है। आज की तिथि पर गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के दो साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह व बाबा फतेह सिंह वजीर खान के हाथों दीवारों में चुने गए थे। गुरु गोबिन्द सिंह जी के दो अन्य साहिबजादे बाबा अजीत सिंह व बाबा जुझार सिंह चमकौर के युद्ध में शहादत को प्राप्त हुए और माता गुजरी इस कष्ट को अधिक समय तक सहन नहीं कर पाईं। गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के चार-चार साहिबजादों ने अपनी शहादत देकर देश और धर्म की रक्षा की पक्की नींव खड़ी की थी, जिस पर सिख पंथ के साथ-साथ पूरा देश गौरव की अनुभूति करता है। यही भाव व्यक्त करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास में चल रहे इस आयोजन का सीधा प्रसारण प्रदेश के प्रत्येक जनपद के महत्वपूर्ण गुरुद्वारे में किया जा रहा है। जनपदों में जनप्रतिनिधिगण तथा विभिन्न संगठनों के पदाधिकारीगण एकत्रित होकर इन वीर बालकों की शहादत के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी यहां अपने सरकारी आवास पर वीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) के अवसर पर आयोजित ऐतिहासिक समागम कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस अवसर पर श्री सहज पाठ सेवा (श्री अमृतसर) द्वारा 11 हजार सहज पाठ का शुभारम्भ तथा सिख धर्म से जुड़े प्रश्नों से युक्त पाठ्य-पुस्तक का विमोचन किया। इसके पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने अपने शीश पर साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को धारण कर, आगमन एवं स्वागत करते हुए आसन पर विराजमान किया। उन्होंने साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के समक्ष मत्था टेका। मुख्यमंत्री जी ने सिख संतों का सम्मान किया तथा लंगर छका।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सिख पंथ की शुरुआत देश और धर्म के लिए हुई। श्री गुरु नानक देव जी महाराज ने सर्वप्रथम बाबर के अत्याचार का विरोध किया था। लाहौर में जहांगीर के अत्याचार से लोगों को बचाने के लिए गुरु अर्जन देव ने अपना बलिदान दिया था। गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को कौन नहीं जानता, उन्होंने अपना सर कटाकर भारत के शीश की रक्षा की। आज कश्मीर भारत का हिस्सा है तथा भारत का शीश बना हुआ है। यह इसलिए सम्भव हुआ क्योंकि गुरु तेग बहादुर जी ने अपना बलिदान देकर इसकी कीमत चुकाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा की गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज एक ऐसे पिता थे जिन्होंने अपनी आंखों के सामने अपने पुत्रों को बलिदान होते हुए देखा। वह एक ऐसे पुत्र थे जिन्होंने अपने पिता को अपनी आंखों के सामने बलिदान होते हुए देखा। जब उनके पिता ने कश्मीर के लिए अपना बलिदान दिया तब गुरु गोबिन्द सिंह जी की आयु अत्यन्त कम थी। देश और धर्म के लिए अपना बलिदान देने वाले बाबा जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह की आयु क्रमशः 07 वर्ष तथा 09 वर्ष की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि गुरु नानक देव जी से गुरु गोबिन्द सिंह जी तक, चार साहिबजादों से पंच प्यारों तक सिख गुरुओं का इतिहास देश और धर्म के लिए शहादत का इतिहास है। यह इतिहास हम सभी को प्रेरणा प्रदान करता है। यह केवल एक कौम का इतिहास नहीं बल्कि पूरे देश का इतिहास है। जाति-पांत का भेदभाव समाप्त होना चाहिए। शबद कीर्तन के लिए गुरु नानक देव जी ने प्रेरणा प्रदान की तथा मिल बांटकर खाने के लिए लंगर की शुरुआत की। यह परम्परा आज भी चल रही है। गुरु परम्परा के प्रति यही भाव हमारी समृद्धि का कारण बनता है। महाराजा रणजीत सिंह ने जितना सोना स्वर्ण मंदिर के लिए दिया उतना ही सोना काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए भी दिया। हमें एक ओर अपनी समृद्ध परम्परा को जीवन्त रखना है तथा दूसरी ओर विपरीत परिस्थितियों में लड़ते हुए न केवल सिख पंथ की सुरक्षा करनी है, बल्कि देश और धर्म की सुरक्षा के लिए भी तत्पर रहना है। इस कौम ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से देश व दुनिया के सामने मिसाल प्रस्तुत की है। सिख गुरुओं ने जो आदर्श हमारे सामने प्रस्तुत किया है, वही हम सबको आगे बढ़ने के लिए ऊर्जा प्रदान करेगा। उनका आशीर्वाद हमारे लिए प्रेरणा स्वरूप है। हम कोई भी ऐसा कार्य न होने दें जो हमारी गुरु परम्परा की भावनाओं के विपरीत हो। हम लोग मिलकर गुरु परम्परा के गौरवशाली इतिहास तथा सम्मान की रक्षा करें। इस कार्य में सहयोग के लिए डबल इंजन सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि गुरु गोबिन्द सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना करते समय जो बात कही थी, वह बात तथा उनके वचन हम सबके लिए आज भी प्रेरणा का काम करते हैं। वह वचन हमारे लिए स्मरणीय होने चाहिए। गुरु ही चिन्ता कर सकता है कि जाति भेद व पंथ भेद समाप्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह आज पंच प्यारों से जुड़े हुए परिवारों के सदस्यों से मिले, इनमें हस्तिनापुर, पंजाब तथा देश के अन्य जगहों से आए लोग सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि यह वर्ष गुरु तेग बहादुर जी महाराज की 350 साल शहीदी शताब्दी को समर्पित है। यह लखनऊ का सौभाग्य है कि गुरु तेग बहादुर जी, महाराज गुरु गोबिन्द सिंह महाराज जी को लेकर यहियागंज गुरुद्वारा आए थे। इस परम्परा को और अधिक स्वर्णिम बनाने के लिए इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे के सुंदरीकरण के लिए नगर निगम के साथ बैठक कर एक विस्तृत कार्य योजना बनाई जानी चाहिए। इस कार्य के लिए धनराशि की व्यवस्था प्रदेश सरकार करेगी। वहां स्थित दुकानों का राज्य सरकार अथवा नगर निगम की भूमि पर हाई राइज बिल्डिंग अथवा शापिंग मॉल बनाकर पुनर्वास किया जाना चाहिए। गुरु तेग बहादुर जी के 400वें महान दिवस के आयोजन की तैयारी अभी से की जानी चाहिए। यह महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक अवसर है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने कश्मीर तथा कश्मीरी पण्डितों की रक्षा करने के लिए अपना बलिदान दिया। उन्होंने भारत के शीश की रक्षा की। जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 26 दिसम्बर की तिथि को वीर बाल दिवस के रूप में आयोजित करने की घोषणा की। उस समय प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि प्रत्येक भारतवासी को राष्ट्र धर्म का पालन करना चाहिए। ‘देश सर्वोपरि है’ का भाव गुरु तेग बहादुर जी ने प्रदान किया था। भले ही हमारा सर धड़ से अलग हो जाए लेकिन हमारे देश का शीश कभी नहीं झुकना चाहिए। सिख क्रान्तिकारियों ने स्वयं को देश के लिए समर्पित कर दिया। हमें उनसे प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य व श्री ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, कृषि राज्य मंत्री श्री बलदेव सिंह ओलख तथा विधान परिषद सदस्य श्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जे0पी0एस0 राठौर, महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, विधायक श्री राजीव गुम्बर, डॉ0 नीरज बोरा, प्रधान, गुरुद्वारा प्रबन्ध कमेटी सरदार राजेंद्र सिंह बग्गा, प्रधान गुरुद्वारा यहियागंज, लखनऊ डॉ0 गुरमीत सिंह, गुरुद्वारा प्रबन्ध समिति के पदाधिकारीगण, सिख परम्परा के इतिहास से जुड़े परिवारों के सदस्यगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
source: http://up.gov.in
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