राज्य

CM Yogi Adityanath ji ने लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

CM Yogi Adityanath ji: विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले

  • सड़क निर्माण की परियोजना तैयार करते समय स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए
  • प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता अनिवार्य शर्त, गड़बड़ी मिलने पर जे0ई0 से लेकर चीफ इंजीनियर तक सबकी जवाबदेही तय होगी
  • एग्रीमेंट के नियमों का उल्लंघन होने पर कांट्रेक्टर/फर्म को ब्लैकलिस्ट कर कठोर कार्रवाई की जाएगी
  • प्रदेश की अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भव्य ‘मैत्री द्वार’ बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराया जाए
  • धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर अच्छी सड़कें हों, पर्यटकों/श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा हो, इसके दृष्टिगत सड़कों का निर्माण/चौड़ीकरण किया जा रहा
  • सभी पंथों, सम्प्रदायों के धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व के स्थलों को जोड़ा जाए
  • सड़क निर्माण/चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण के कार्यों में पर्यावरण संरक्षण की
  • भावना का पूरा ध्यान रखा जाए, कहीं भी अनावश्यक वृक्ष नहीं कटने चाहिए
  • शहरों की घनी आबादी को जाम से मुक्ति दिलाने हेतु बाईपास रिंग रोड/फ्लाईओवर का निर्माण कराया जाना चाहिए, निर्माण कार्य का प्रस्ताव
  • शहर/कस्बे की आबादी एवं प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जाए

CM Yogi Adityanath ji ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक महत्वपूर्ण बैठक में लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्माणकार्यों में समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सड़क निर्माण की परियोजना तैयार करते समय स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए। प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता अनिवार्य शर्त है, इससे समझौता नहीं किया जा सकता। गड़बड़ी मिलने पर जे0ई0 से लेकर चीफ इंजीनियर तक सबकी जवाबदेही तय होगी। एग्रीमेंट के नियमों का उल्लंघन होने पर कांट्रेक्टर/फर्म को ब्लैकलिस्ट कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पेटी कॉन्ट्रेक्टर/सबलेट की व्यवस्था स्वीकार नहीं की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि डी0पी0आर0 को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारम्भ करने और समाप्त होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए तथा इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए। बजट की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। पूर्ण हो चुके कार्यों की थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराई जाए। सड़क और सेतु अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाओं को स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता काआंकलन जरूर किया जाए। विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है। पहले आवश्यकता की परख करें, प्राथमिकता तय करें। इसके पश्चात मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु के निर्माण की स्वीकृति दें। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय तहसील/ब्लॉक मुख्यालय योजना अन्तर्गत प्रदेश के समस्त तहसील/ब्लॉक मुख्यालय को जिला मुख्यालय से न्यूनतम दो लेन मार्गों से जोड़े जाने का कार्य तेजी से पूरा किया जाए। एक भी तहसील-एक भी ब्लॉक इससे अछूता न रहे। प्रदेश की अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भव्य ‘मैत्री द्वार’ बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराया जाए। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क किया जाए। मैत्री द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं। यह आकर्षक हों, यहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो। अब तक 96 मार्गों पर प्रवेश द्वार पूर्ण/निर्माणाधीन हैं। अवशेष मार्गों पर प्रवेश द्वार निर्माण की कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी कर ली जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की सड़कों का निर्माण अब लोक निर्माण विभाग द्वारा ही कराया जा रहा है। यह किसानों-व्यापारियों के हित से जुड़ा प्रकरण है, इसे प्राथमिकता दें। यहां गड्ढे नहीं होने चाहिए। अभी लगभग 6000 किमी0 सड़कों का पुनर्निर्माण/चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण किया जाना है। इन्हें एफ0डी0आर0 तकनीक से बनाया जाना चाहिए। इसके लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर अच्छी सड़कें हों, पर्यटकों/श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा हो, इसके दृष्टिगत सड़कों के निर्माण/चौड़ीकरण किये जा रहे हैं। इसमें प्रत्येक जिले के सिख, बौद्ध, जैन, वाल्मीकि, रविदासी, कबीरपंथी सहित सभी पंथों, सम्प्रदायों के धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व के स्थलों को जोड़ा जाए। मार्ग का चयन मानक के अनुरूप ही हो। जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर धर्मार्थ कार्य विभाग और सम्बन्धित जिलाधिकारी के सहयोग से इसे समय से पूरा कराया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क निर्माण/चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण के कार्यों में पर्यावरण संरक्षण की भावना का पूरा ध्यान रखा जाए। कहीं भी अनावश्यक वृक्ष नहीं कटने चाहिए। सड़क निर्माण की कार्य योजना में मार्ग के बीच आने वाले वृक्षों के संरक्षण को अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाए। देवरिया-बरहज मार्ग का सुदृढ़ीकरण किया जाना आवश्यक है। इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि औद्योगिक विकास विभाग, एम0एस0एम0ई0 एवं जैव ऊर्जा विभाग द्वारा डिफेंस कॉरिडोर, औद्योगिक लॉजिस्टिक्स पार्क, औद्योगिक क्षेत्र और प्लेज पार्क योजना जैसी बड़े महत्व की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इन औद्योगिक क्षेत्रों तक आने-जाने के लिए चयनित मार्गों को यथासंभव फोर लेन मार्ग से जोड़ा जाना चाहिए। ऐसे राज्य मार्ग जो वर्तमान में दो-लेन एवं दो-लेन से कम चौड़े हैं उन्हें लोक महत्ता के अनुरूप न्यूनतम दो-लेन विद पेव्ड शोल्डर की चौड़ाई में निर्माण किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी विधान सभा क्षेत्रों के प्रमुख जिला मार्गों को न्यूनतम दो-लेन (7 मीटर) एवं अन्य जिला मार्गों को न्यूनतम डेढ़-लेन (5.50 मीटर) चौड़ाई में निर्माण कराया जाए। जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लेकर, प्राथमिकता तय करें और कार्य प्रारम्भ कराएं। क्षतिग्रस्त सेतु, जनता द्वारा निर्मित अस्थाई पुल, संकरे पुल, बाढ़ के कारण प्रायः क्षतिग्रस्त होने वाले मार्गों पर पुल तथा सार्वजनिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर सेतु निर्माण को प्राथमिकता में रखा जाए। हर विधान सभा क्षेत्र में जरूरत के अनुसार 03 लघु सेतुओं के निर्माण की कार्ययोजना तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जहां भी दीर्घ सेतु क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें तत्काल ठीक कराया जाए। सभी जनपदों से प्रस्ताव लें, जहां दीर्घ सेतु की आवश्यकता हो, कार्ययोजना में सम्मिलित करें। शहरी क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त/संकरे सेतुओं के स्थान पर नये सेतुओं का निर्माण कराया जाना आवश्यक है। इसका लाभ सभी जनपदांे को मिलना चाहिए। रेल ओवरब्रिज/रेल अंडरब्रिज से जुड़े प्रस्तावों को तत्काल भारत सरकार को भेजें। राज्य सरकार द्वारा इसमें हर जरूरी सहयोग किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरों की घनी आबादी को जाम से मुक्ति दिलाने हेतु बाईपास रिंग रोड/फ्लाईओवर निर्माण कराया जाना चाहिए। निर्माण कार्य का प्रस्ताव शहर/कस्बे की आबादी एवं प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जाए। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ऐसी बसावट/ग्राम जिसकी आबादी 250 से अधिक हो तथा मार्ग की लम्बाई 01 किमी0 या उससे अधिक हो, उन्हें एकल कनेक्टिीविटी प्रदान किये जाने हेतु सम्पर्क मार्ग का निर्माण कराया जाए। इसी प्रकार, दो ग्रामों/बसावटों को जिनकी आबादी 250 से अधिक है, को इंटर-कनेक्टिविटी प्रदान किये जाने हेतु सम्पर्क मार्ग का निर्माण भी हो। इसके लिए सर्वे कराएं, आवश्यकता को परखें, फिर निर्णय लें।

source: http://up.gov.in

editor

Recent Posts

हरियाणा के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मांगा है।

हरियाणा के मंत्रियों ने ट्रांसफर-पोस्टिंग अधिकार की मांग की, सीएम नायब सैनी ने इस तरह…

1 day ago

Stock Market Crash: HMPV केस के बाद शेयर बाजार में सुधार, लेकिन हेल्थकेयर स्टॉक्स में लॉटरी

Stock Market Crash: भारत में एचएमपीवी केस के सामने आने के बाद शेयर बाजार में…

1 day ago

भारत को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले चुनौती! शमी के बाद बुमराह की चोट ने चिंता बढ़ा दी

भारतीय क्रिकेट टीम को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।…

1 day ago

भारत में 8 महीने के बच्चे में HMPV वायरस मिला, जानें इसके नुकसान

बेंगलुरु के एक हॉस्पिटल में एक आठ महीने के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के…

1 day ago

Lohri 2025: लोहड़ी की आग में क्या-क्या डालते हैं? लोहड़ी कब मनाये जायेंगी?

Lohri 2025: लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले होती है। शाम को  लोग इसकी…

1 day ago

50MP कैमरा और 8GB RAM वाले itel A80 की कीमत 10 हजार से भी कम है, जानें फीचर्स।

itel, एक स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी, ने आज एक सस्ता स्मार्टफोन मार्केट में लॉन्च किया…

1 day ago