CM Yogi Adityanath: प्रदेश सरकार की मंशा इस क्षेत्र को विकास का एक नया मॉडल बनाने की
उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने ताल नदौर, गोरखपुर में निर्माणाधीन पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय तथा यहां प्रस्तावित इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और कान्हा गौशाला को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा इस क्षेत्र को विकास का एक नया मॉडल बनाने की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने यह निर्देश जनपद गोरखपुर के ताल नदौर में बन रहे पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के निरीक्षण अवसर पर दिए। उन्होंने पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय की डिजाइन, ले-आउट, मॉडल का अवलोकन कर इसके प्रमुख आयामों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ताल नदौर में 80 से 100 एकड़ में प्रस्तावित इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और 52 एकड़ में नगर निगम द्वारा बनायी जाने वाली कान्हा गौशाला को एक साथ विकसित किए जाने से यहां लगभग 250 एकड़ क्षेत्रफल में विकास का शानदार मॉडल बना सकेंगे। इसलिए यहां निर्माणाधीन सभी कार्यों को एक दायरे में लाने पर काम किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के ले-आउट का अवलोकन करने के दौरान पशुओं (गाय, भैंस, बकरी, घोड़ा आदि) को रखने और उनकी फीड को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पशुओं के चारागाह के लिए पर्याप्त लैण्ड रिजर्व करने और गौ सरोवर बनाने की भी व्यवस्था की जाए। इसके लिए संरचना में आवश्यक परिवर्तन किए जाएं। उन्होंने पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के पास ही 04 एकड़ में बन रही वृहद गौशाला का भी निरीक्षण किया और यहां पेड़ लगाने तथा गर्मियों में पशुओं को रखने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के लिए प्रारम्भिक सर्वे का कार्य किया जा चुका है। 52 एकड़ में बनने वाली कान्हा गौशाला का निर्माण सी0 एण्ड डी0एस0 द्वारा कराया जाएगा। पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के प्रथम चरण का निर्माण मार्च, 2026 में पूरा करा लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गोरखपुर के ताल नदौर में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री जी ने इसी वर्ष 03 मार्च को किया था। 03 चरणों में बन रहे इस महाविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। पहले चरण के निर्माण पर 277 करोड़ 31 लाख रुपये व्यय होंगे। कार्यदायी संस्था के रूप में लोक निर्माण विभाग को इसके निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। महाविद्यालय के परिसर में एकेडमिक ब्लॉक, हॉस्पिटल ब्लॉक, आवासीय ब्लॉक, 430 क्षमता का पुरुष छात्रावास, 268 क्षमता का महिला छात्रावास, ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, कम्युनिटी सेण्टर, एस0टी0पी0, किसान भवन के साथ ही पशु चिकित्सा विज्ञान से जुड़ी विभिन्न विधाओं के शोध एवं अध्ययन केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय परिसर को नेट जीरो की अवधारणा पर विकसित किया जाएगा। इसमें पशुओं के इलाज के साथ ही नस्ल सुधार के कार्य भी होंगे। इसके बन जाने के बाद यहां देशभर से पशु चिकित्सक ट्रेनिंग के लिए आएंगे। इस महाविद्यालय की डिजाइन श्रावस्ती के राजा शालिहोत्र की परिकल्पना पर की गई है। राजा शालिहोत्र ने तीसरी सदी में शालिहोत्र संहिता रचकर पशुधन के क्षेत्र को समृद्ध किया। भारतीय परम्परा में उन्हें पशु चिकित्सा विज्ञान का जनक माना जाता है। पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के लिए पहुंच मार्ग को 04 लेन का बनाया जाएगा। इसके लिए गोरखपुर-वाराणसी हाई-वे से महाविद्यालय तक 450 मीटर 04 लेन मार्ग का नवनिर्माण 03 करोड़ 90 लाख रुपये की लागत से कराया जाएगा। लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था के रूप में 04 लेन निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। निरीक्षण के दौरान विधायक श्री विपिन सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
source: http://up.gov.in