CM Yogi Adityanath: शिवालय पार्क महादेव को समर्पित एक भव्य स्थल है, जो भारतीय मन्दिरों और पुराणों की महिमा तथा कारीगरी को दर्शाता
उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने आज जनपद प्रयागराज में नगर निगम द्वारा नैनी के अरैल में बनवाए जा रहे शिवालय पार्क का निरीक्षण किया। उन्होंने शिवालय पार्क के निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए। शिवालय पार्क महादेव को समर्पित एक भव्य स्थल है, जो भारतीय मन्दिरों और पुराणों की महिमा तथा कारीगरी को दर्शाता है। 11 एकड़ के क्षेत्र में विस्तृत विविधताओं से भरपूर इस पार्क में कला, प्रकृति और मनोरंजन का संगम देखने को मिलेगा। महाकुम्भ की शोभा को बढ़ाने हेतु निर्माणाधीन इस पार्क का निर्माण 14 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि शिवालय पार्क को भारत के मानचित्र के आकार में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें सभी प्रमुख मन्दिर उनके मूल स्थानों पर ही बनाए गए हैं, ताकि आगन्तुक तीर्थ यात्रा का अनुभव कर सकें। पार्क में तुलसी वन और संजीवनी वन भी बनाया गया है। बच्चों के लिए अलग जोन बनाया जा रहा है। इसके अलावा, पार्क में फूड कोर्ट और रेस्त्रां भी बनाया जा रहा है। शिवालय थीम पार्क को तैयार कराने में सबसे खास बात है कि इसमें अधिकतर वेस्ट मटीरियल का प्रयोग किया जा रहा है। पार्क का निर्माण कार्य कर रही कम्पनी जेड टेक इण्डिया लिमिटेड के पास ही तीन साल तक इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी रहेगी।
ज्ञातव्य है कि शिवालय पार्क में विभिन्न मन्दिरों का प्रतिरूप तैयार करवाया जा रहा है। इनमें सोमनाथ मन्दिर (गिर सोमनाथ, गुजरात), मल्लिकार्जुन स्वामी मन्दिर (श्रीशैलम, आन्ध्र प्रदेश), महाकालेश्वर मन्दिर (उज्जैन, मध्य प्रदेश), ओंकारेश्वर मन्दिर (खण्डवा, मध्य प्रदेश), बैद्यनाथ मन्दिर (देवघर, झारखण्ड), भीमाशंकर मन्दिर (भीमाशंकर, महाराष्ट्र), रामनाथस्वामी मन्दिर (रामेश्वरम, तमिलनाडु), नागेश्वर मन्दिर (द्वारका, गुजरात), श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर (वाराणसी, उत्तर प्रदेश), त्र्यंबकेश्वर मन्दिर (नासिक, महाराष्ट्र), केदारनाथ मन्दिर (रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड) तथा घृष्णेश्वर मन्दिर (औरंगाबाद, महाराष्ट्र) सम्मिलित हैं।
इसके साथ ही, अन्य महत्वपूर्ण शिव मन्दिर-बैजनाथ मन्दिर (बैजनाथ, हिमाचल प्रदेश), पशुपतिनाथ मन्दिर (काठमाण्डू, नेपाल), लिंगराज मन्दिर (भुवनेश्वर, ओडिशा), वीरभद्र मन्दिर (लेपाक्षी, आंध्र प्रदेश) तथा शोर मन्दिर (महाबलीपुरम, तमिलनाडु) का प्रतिरूप भी तैयार किया जा रहा है।
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