CM Yogi Adityanath और केशव प्रसाद मौर्य के बीच बढ़ी खींचतान:
CM Yogi Adityanath News: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के अंदर खींचतान तेज हो गई है. पार्टी के अंदर एक ‘विरोध’ बनता दिख रहा है. मंत्रियों के बीच गुटबाजी भी स्पष्ट है. अंदरखाने की ये बातें 14 जुलाई को बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अलग सुर में आने के बाद सामने आई हैं और उन्होंने कहा था कि सरकार से बड़ा संगठन है. इसे अप्रत्यक्ष रूप से CM Yogi Adityanath की कार्यशैली पर सवालिया निशान के तौर पर देखा जा रहा है. इसके बाद से पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच मनमुटाव की खबरें सामने आ रही हैं. इधर, 3 दिन में 3 ऐसी घटनाएं इस खबर की पुष्टि करती नजर आईं।
ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात:
CM Yogi Adityanath ने सोमवार को आज़मगढ़ में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन वह वहां नहीं पहुंचे. लेकिन उसी रात उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलने पहुंचे. मौर्य ने एक्स पर मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कीं। इस पर कैप्शन भी लिखा गया कि लखनऊ में सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर से आत्मीय भेंट हुई.। फोटो में दोनों नेता एक-दूसरे का हाथ पकड़े हुए मुस्कुराते नजर आए. इन तस्वीरों को राजनीतिक लामबंदी के रूप में देखा गया।
आज लखनऊ के सात कालिदास मार्ग स्थित कैम्प कार्यालय में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश सरकार में मा0 कैबिनेट मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर जी से आत्मीय भेंट की और विभिन्न विषयों पर वार्ता की।@oprajbhar @SBSP4INDIA pic.twitter.com/yUYeSshvkG
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 22, 2024
इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को लखनऊ में अपने कैंप कार्यालय पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद से मुलाकात की। राजभर जैसे ओबीसी नेता डॉ. संजय निषाद बीजेपी की चुनावी हार के लिए बुलडोजर पॉलिटिक्स को जिम्मेदार मानते हैं. उत्तर प्रदेश में एनडीए के खराब प्रदर्शन पर निषाद ने कहा था कि बुलडोजर का अनावश्यक इस्तेमाल असफलता का एक मुख्य कारण है.
लखनऊ के सात कालिदास मार्ग स्थित कैंप कार्यालय पर मा0 कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद जी एवं निषाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री रविंद्र मणि निषाद जी से शिष्टाचार भेंटकर विभिन्न विषयों पर वार्ता की।@mahamana4u @nishadparty4u pic.twitter.com/NvFGAlvKPE
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 23, 2024
इसके अलावा केशव प्रसाद मौर्य इन दिनों जितने भी नेताओं से मिले उनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की. इस बीच केशव प्रसाद मौर्य ने भी CM Yogi Adityanath के विभाग से आरक्षण को लेकर मुद्दा उठाया. यहां वह एक विपक्षी नेता के तौर पर अपनी ही सरकार से सवाल पूछते हैं। उन्होंने संविदा और आउटसोर्सिंग के माध्यम से की गई भर्तियों की रिपोर्ट भी मांगी। यह पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। हालांकि पत्र पिछले साल लिखा गया था, लेकिन रिमाइंडर अब भेजा गया है.
हालांकि माना जा रहा है कि 14 जुलाई को दिल्ली में केशव प्रसाद मौर्य की बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद इन दूरियों को कम करने की कोशिश की जा सकती है, लेकिन इस हफ्ते के सियासी घटनाक्रम को देखने के बाद कहा जा रहा है कि ये दूरियां बढ़ने की बजाय कम होंगी.
भाजपा और उसके सहयोगियों के संदेह के बीच,CM Yogi Adityanath ने आश्चर्यजनक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की और चुपचाप अपना सरकारी काम करते रहे। विशेषज्ञों के लिए इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि भाजपा के भीतर बढ़ते विरोध के बावजूद संगठन की ओर से गंभीरता के कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिख रहे हैं। इन सबको देखते हुए विश्लेषकों का कहना है कि 10 सीटों पर उपचुनाव होने तक बीजेपी के चुप रहने की संभावना है, जिसके नतीजे पार्टी के भीतर और बाहर उठ रहे सवालों के जवाब तय करेंगे.