CM Yogi: मीडिया को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ माना गया, जो जनचेतना के माध्यम से समाज के मुद्दों को सरकार के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता
- आजादी के आन्दोलन के दौरान पत्र-पत्रिकाओं ने जनचेतना की ज्वाला को बढ़ाया
- हिन्दी ने आजादी के आन्दोलन में महापुरुषों को जनता से जोड़ने का कार्य किया, उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक संवाद का सशक्त माध्यम बनकर देश को एकजुट किया
- हिन्दी आज भी देश को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम, प्रधानमंत्री जी
सबसे ज्यादा इसका प्रयोग करते, भारत सरकार ने हिन्दी को जी-20 समिट में अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया - प्रधानमंत्री जी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ के विचार को प्रोत्साहित किया, उ0प्र0 में ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के तहत 75 जिलों के स्थानीय उत्पादों का विकास और प्रोत्साहन किया जा रहा
- भारतीय संस्कृति और भाषा के प्रति गौरव और सम्मान से ही देश को एक सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकता
- मुख्यमंत्री ने लेखन और संवाद की परम्परा को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया
उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने आज जनपद गोरखपुर के योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र में दैनिक जागरण समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘संवादी गोरखपुर’ को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री जी ने हिन्दी भाषा की महत्ता, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प, श्रमिकों के उत्थान और स्थानीय उत्पादों के महत्व के बारे मे बताते हुये कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ माना गया है, जो जनचेतना के माध्यम से समाज के मुद्दों को सरकार के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में लोगों ने मीडिया को चौथा स्तम्भ माना है। देश की आजादी के आन्दोलन के दौरान पत्र-पत्रिकाओं ने जनचेतना की ज्वाला को बढ़ाया था। आन्दोलन के दौरान अलग-अलग क्रान्तिकारी समूह तथा लीडरशिप किसी न किसी पत्र-पत्रिका से जुड़े रहे। कोई स्वराज, कोई राष्ट्रधर्म, तो कोई धर्मयुग के नाम से जनचेतना को जागरूक करने का प्रयास करता रहा। उसी प्रकार की कविताएं और लेखन भी आए, जो लोगों के अन्तःकरण को झकझोरते रहे।
मुख्यमंत्री जी ने काकोरी ट्रेन एक्शन के नायक पं0 राम प्रसाद बिस्मिल की अन्तिम इच्छा का उल्लेख करते हुये कहा कि उनके वाक्यों ने देश के युवाओं को आजादी के आन्दोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
मुख्यमंत्री जी ने हिन्दी भाषा को पूरे देश को जोड़ने का माध्यम बताते हुयेे कहा कि हिन्दी ने भारत की आजादी के आन्दोलन में महापुरुषों को जनता से जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि अन्तःकरण से कही गई भाषा ही लोगों को सम्मोहित कर पाती है। हिन्दी ने उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक संवाद का सशक्त माध्यम बनकर देश को एकजुट किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रनायकों के बारे में जो लेखन हुआ है, उसका अवलोकन करें, तो पाएंगे कि कहीं श्याम नारायण पाण्डेय महाराणा प्रताप की वीरगाथा को देश के सामने रख रहे हैं, तो कहीं सुभद्रा कुमारी चौहान झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को केन्द्र में रखकर भारत की मातृशक्ति के शौर्य और सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहीं थी। भारत की आजादी के लिए अपना सबकुछ समर्पित करने वाले क्रान्तिकारियों के प्रति रामधारी सिंह दिनकर की वह पंक्तियां हम सभी को नई प्रेरणा देती हैं, जिसमें वह कहते हैं कि ‘कलम आज उनकी जय बोल’, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ समर्पित कर दिया, उनकी नहीं, जिन्होंने सत्ता के लिए स्वाभिमान के साथ समझौता किया हो। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने भी यही प्रेरणा हमें दी थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हिन्दी के बारे में तमाम तरह की भ्रान्तियां फैलाने का कार्य होता है। हिन्दी आज भी देश को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सबसे ज्यादा इसका प्रयोग करते हैं। देश ही नहीं, अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर भी हिन्दी में अपनी बात रखकर लोगों से संवाद करते हैं। मुख्यमंत्री ने जी-20 समिट का उल्लेख करते हुए कहा कि इस आयोजन ने पूरी दुनिया में भारत की छवि को चमकाने का कार्य किया। जी-20 में भी हिन्दी ही संवाद का माध्यम बनी। भारत सरकार ने हिन्दी को जी-20 समिट में अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया।
मुख्यमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ के विचार को प्रोत्साहित किया। उत्तर प्रदेश में ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के तहत 75 जिलों के स्थानीय उत्पादों का विकास और प्रोत्साहन किया जा रहा है। ओ0डी0ओ0पी0 योजना ने प्रदेश में कारीगरों और हस्तशिल्पियों को आर्थिक सम्बल प्रदान किया है। हर साल राज्य के हुनरमंद कारीगरों ने 02 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात किया है। राज्य में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से ग्रामीण कारीगरों को प्रशिक्षण और उपकरण भी दिए जा रहे हैं, ताकि वे अपने पारम्परिक कार्यों में आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत युवाओं को ब्याजमुक्त लोन प्रदान कर रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने लेखन और संवाद की परम्परा को पुनर्जीवित करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिन्दी सिनेमा और पत्र-पत्रिकाओं ने हिन्दी भाषा को पूरी दुनिया में पहचान दिलायी है। डिजिटल मीडिया के युग में हिन्दी भाषा को और सशक्त करने की आवश्यकता है। भाषा, हस्तशिल्प और कारीगरी को सम्मान देकर ही आत्मनिर्भर और विकसित भारत का सपना साकार किया जा सकता है। भारतीय संस्कृति और भाषा के प्रति गौरव और सम्मान से ही देश को एक सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकता है।
इस अवसर पर मीडिया समूह से जुड़े अनेक पत्रकारगण और गणमान्यजन उपस्थित थे।
source: http://up.gov.in