हरियाणा में सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त संस्थाओं में कार्यरत पांच साल पुराने कच्चे कर्मचारी को हटाया नहीं जा सकेगा, जिनका अधिकतम मासिक वेतन 50 हजार रुपये तक है। ऐसे एक लाख 20 हजार कर्मचारियों की नौकरी सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित करने का मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चुनावी वादा पूरा किया है। इसके साथ ही कच्चे कर्मचारियों के परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है। हरियाणा में पांच साल से अनुबंध पर काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं 58 साल की आयु तक करने के निर्णय पर विधानसभा ने सोमवार को मुहर लगा दी।
मुख्यमंत्री नायब सैनी और कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल की नोक-झोंक के बाद हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक-2024 पारित कर दिया गया।
कौशल रोजगार निगम, आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट-1 और आउटसोर्सिंग पालिसी पार्ट-2 तथा तदर्थ आधार पर लगे कच्चे कर्मचारियों के साथ ही सरकारी स्कूलों में तैनात अतिथि अध्यापकों को भी नए नियमों का लाभ मिलेगा।
डबवाली के इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल ने इन सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग उठाई, जबकि झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने बिल में आरक्षण की व्यवस्था नहीं होने पर सवाल उठाए।
बड़खल के भाजपा विधायक धनेश अदलखा ने कहा कि अब ठेकेदार मनमानी नहीं कर सकेंगे और कर्मचारियों को उनका पूरा हक पूरे सम्मान से मिलेगा।
इन कर्मचारियों को समय से सभी सुविधाएं मिलेंगी और बार-बार नवीनीकरण की जरूरत नहीं होगी। नए नियमों के अनुसार 15 अगस्त तक पांच साल की नौकरी पूरी कर चुके सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्के कर्मचारियों के न्यूनतम बेसिक वेतनमान से पांच प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा।
आठ वर्ष से कम उम्र के कर्मचारियों को न्यूनतम पे-स्केल से दस प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा, और आठ वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को पंद्रह प्रतिशत अधिक वेतन मिलेगा। साल में दो बार, जनवरी और जुलाई, महंगाई भत्ते के अनुपात में मानदेय भी बढ़ेगा। इसके अलावा, पीएम-जन आरोग्य योजना-चिरायु एक्सटेंशन योजना के तहत मिलने वाले सभी लाभ, सालाना वेतन वृद्धि, डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और मेटरनिटी एक्ट के तहत मिलने वाले सभी लाभ मिलेंगे।
केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत काम करने वाले कर्मचारियों को नए कानून का फायदा नहीं मिलेगा। यानी कि उनकी नौकरी पर प्रतिबंध लगा रहेगा।
इसके अलावा, मानदेय या अंशकालिक आधार पर काम करने वाले कर्मचारी भी नहीं मिलेंगे। 14 अगस्त से पहले कच्चे कर्मचारियों को हटाया गया है, वे फिर से काम पर नहीं आएंगे। वहीं, सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों का वेतन नियमित शिक्षकों के बेसिक वेतन से अधिक होगा। सरकार ने अतिथि शिक्षकों के वेतन में वृद्धि पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो नियमित शिक्षकों के बेसिक वेतन से अधिक था।
कॉलेजों में पढ़ा रहे लगभग दो हजार अतिथि शिक्षकों, विस्तार शिक्षकों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में अतिथि शिक्षकों की नौकरी भी सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित रहेगी।
इसके लिए हरियाणा विस्तार प्राध्यापक तथा अतिथि प्राध्यापक (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक 2024 और हरियाणा तकनीकी शिक्षा अतिथि संकाय (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक 2024 मंगलवार को विधानसभा में पारित किए जाएंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने हूकटा (हरियाणा विश्वविद्यालय कांट्रेक्चुअल टीचर एसोसिएशन) को भरोसा दिलाया है कि विधानसभा के आगामी सत्र में 1500 सहायक प्राध्यापकों की सेवाएं 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित रखने के लिए अलग से बिल प्रस्तुत किया जाएगा।
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