CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश 160 से अधिक देशों को निर्यात कर रहा है दवाएं
- वर्ष 2023-24 में प्रदेश से 11 हजार 889 करोड़ रुपये के फार्मा प्रोड्क्ट का हुआ एक्सपोर्ट
- पेट्रो-केमिकल इकाइयों को प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराने प्रदेश में की जा रही है पहल
- प्रदेश में केमिकल-फार्मा-पेट्रो-केमिकल और प्लास्टिक जैसे उद्योगों के लिए है बेहतरीन इकोसिस्टम
- भारत पेट्रोलियम की 50 हजार करोड़ और गैल की 35 हजार करोड़ लागत की पेट्रो-केमिकल परियोजनाओं का कार्य जारी
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुंबई में इंडिया केम- 2024 के 13वें संस्करण को किया संबोधित
CM Dr. Yadav ने कहा है कि मध्यप्रदेश में केमिकल, फार्मा, पेट्रो-केमिकल और प्लास्टिक जैसे उद्योगों के लिए बेहतरीन इको-सिस्टम विद्यमान है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बीना में भारत पेट्रोलियम की 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की पेट्रो-केमिकल परियोजना का भू्मि-पूजन किया गया, जिसका कार्य आरंभ हो गया है। प्रदेश में 35 हजार करोड़ की गेल इंडिया की वृहद पेट्रो-केमिकल परियोजना का काम तेजी से जारी है, इससे 25 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। प्रदेश में केमिकल और पेट्रो-केमिकल क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां कार्यरत हैं। प्रदेश में 275 फार्मा यूनिट्स स्थापित हैं, जिनसे 160 से अधिक देशों को दवाएं निर्यात हो रही हैं। दवा निर्यात में मध्यप्रदेश का देश में चौथा स्थान है। वर्ष 2023-24 में 11 हजार 889 करोड़ रुपये के फार्मा प्रोड्क्ट का एक्सपोर्ट हुआ है। इस क्षेत्र में और अधिक निवेश आकर्षित करने तथा गतिविधियों को विस्तार देने के लिए राज्य सरकार आकर्षक फार्मा पॉलिसी बनाने जा रही है। हम एक फ्यूचर रेडी स्टेट हैं, रसायन और उर्वरक के क्षेत्र में राज्य सरकार के प्रयास, आने वाले समय में विकास की नई कहानी लिखने वाले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुंबई में इंडिया केम- 2024 के 13वें संस्करण को संबोधित कर रहे थे।
केमिकल एंड पेट्रो-केमिकल स्ट्रेटजीज पर “नॉलेज पेपर” का विमोचन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन व उर्वरक मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा के साथ “इंडिया केम-2024 एडवांटेज भारत : इंडियन केमिकल्स एंड पेट्रो-केमिकल्स पेविंग द फ्यूचर” के 13वें द्वि-वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण एवं रसायन-उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र रजनीकांत पटेल, ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी सहित फिक्की के पदाधिकारी और विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कैटालाइजिंग इंडिया ऑन केमिकल एंड पेट्रो-केमिकल स्ट्रेटजीज फॉर ग्लोबल इंटीग्रेशन एंड ग्रोथ विषय पर फिक्की और अर्नेस्ट एंड यंग द्वारा तैयार “नॉलेज पेपर” के विमोचन में शामिल हुए।
मध्यप्रदेश, औद्योगिक गतिविधियों और निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में प्रयासरत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसर है। भारत विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था से बढ़कर 5वें पायदान पर आया है। मध्यप्रदेश, औद्योगिक गतिविधियों और निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश में वर्तमान में 250 फार्मेसी और 35 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। केमिकल पेट्रो-केमिकल उद्योग के लिए प्रदेश में आवश्यक अधोसंरचना तैयार है। रायसेन जिले के तामोट, ग्वालियर के बिलोवा में प्लास्टिक पार्क तथा रतलाम में वृहद फार्मा बायोटेक केमिकल जोन का विकास हो रहा है। झाबुआ में मेघनगर के औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल उद्योग के लिए आधुनिक अधोसंरचना, धार के पास बदनावर में पीएम मित्रा पार्क और भोपाल तथा ग्वालियर में केंद्रीय पेट्रो रसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान सीपेट की शाखाएं स्थापित की गई हैं।
रीजनल इंड्रस्ट्री कॉन्क्लेव में उद्योग समूहों ने निवेश के लिए की पहल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिकीकरण तथा निवेश के क्षेत्र में केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन आरंभ किया गया है। अब तक उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और सागर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो चुकी हैं। अगली इंडस्ट्री कॉन्क्लेव शीघ्र ही रीवा में होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी प्रकार के उद्योगों के लिए संभावनाएं विद्यमान हैं। उद्योग समूहों तथा निवेशकों को इससे अवगत कराने और राज्य सरकार की नीतियों के बारे में बताने के उद्देश्य से मुम्बई सहित कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में रोड-शो किए गए हैं। प्रदेश में निवेश के लिए कई उद्योग समूहों ने पहल की है।
रतलाम, झाबुआ और इन्दौर में फार्मा क्षेत्र की गतिविधियों के विस्तार के कार्य जारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेट्रो-केमिकल क्षेत्र में मध्यप्रदेश प्रगति करेगा। राज्य सरकार “स्टेट ऑफ दी आर्ट पेट्रो-केमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन” बनाने की योजना पर भी कार्य कर रही हैं। सीहोर-आष्टा एक प्रकार से देश का मध्य क्षेत्र है जहां विमानतल और रेल लाइन सहित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक सभी व्यवस्थाएं विद्वमान हैं। रतलाम, झाबुआ और इन्दौर में भी फार्मा क्षेत्र में गतिविधियों के विस्तार के लिए कार्य किया जा रहा है।
केन्द्रीय मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने इंडिया केम – 2024 में किया मध्यप्रदेश का उल्लेख
केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने प्रदेश के बीना की भारत पेट्रोलियम पेट्रो-केमिकल परियोजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पेट्रो-केमिकल, फार्मा, रसायन और उर्वरक क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिए किए जा रहे प्रयासों से निवेश और रोजगार के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यक्रम को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन-उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र रजनीकांत पटेल और ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी ने भी संबोधित किया। फिक्की के पदाधिकारियों और विभिन्न उद्योग समूहों के प्रतिनिधियों ने भी इंडिया केम-2024 में अपने विचार रखे।
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