मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी ने दो चीतों को छोड़कर जो अभियान शुरू किया था, उसी कड़ी में पांच चीतों को जंगल में छोड़ा गया है। पर्यटक इन्हें देख सकेंगे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जंगल में पांच चीतों को छोड़ा है। उन्होंने चीनी परियोजना की भी समीक्षा की। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी ने दो चीतों को छोड़कर जो अभियान शुरू किया था, उसी कड़ी में पांच चीतों को जंगल में छोड़ा गया है। पर्यटक इन्हें देख सकेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाड़े में बंद पांच चीतों को जंगल में छोड़ दिया। चीता पार्क के बड़े बाड़े में बंद मादा चीता आशा और उसके तीन नर शावकों को जंगल में छोड़ा गया। मादा चीता धीरा को भी जंगल में अलग से छोड़ा गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि कूनो पालपुर के लिए आज का दिन बहुत खास है।
उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो चीतों को छोड़कर शुरू किए गए अभियान की अगली कड़ी में अब पांच चीतों को जंगल में छोड़ दिया गया है, जिनका दीदार पर्यटक कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कूनो पालपुर उद्यान में भी चीते रहते हैं। यह देखकर खुशी होती है कि कभी एशिया महाद्वीप से ही विलुप्त हो चुके चीते आज मध्यप्रदेश में भी आगे बढ़ रहे हैं और अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती अद्भुत है क्योंकि यह कई विलुप्तप्राय वन्य जीवों की अठखेलियों का घर है। हम वन्य जीवों और जैव-विविधता को बचाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसे नवाचारों से मध्यप्रदेश की सुंदर जमीन को आगे भी सम्मानित करते रहेंगे। शासकीय स्तर पर, चीतों की सुरक्षा भी होती है। पर्यटकों का मनोरंजन करने के लिए भी हम निरंतर प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ कूनो पालपुर पार्क भी देखा।
अब कूनो में 26 चीते हैं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कूनो नेशनल पार्क पहुंचने से पहले, दो शावकों ने चीतों के कुनबे में दस्तक दी। पार्क प्रबंधन के कर्मचारी अधिकारी लगातार चीता वीरा की देखभाल कर रहे हैं। वहीं, वीरा के दो शावकों सहित कूनो में 26 चीत हैं। इनमें से 14 शावकों का जन्म भारत में हुआ है।
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