मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: गरीब बंदियों को 25 हजार रुपये जुर्माना मंजूर किया है, “MP पहला राज्य..।”

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: गरीब बंदियों को 25 हजार रुपये जुर्माना मंजूर किया है, "MP पहला राज्य..।"मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: गरीब बंदियों को 25 हजार रुपये जुर्माना मंजूर किया है, "MP पहला राज्य..।"

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: गरीब बंदियों को 25 हजार रुपये जुर्माना मंजूर किया है, "MP पहला राज्य..।"

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव: मध्य प्रदेश ने गरीब कैदियों को जमानत और जुर्माना भरने के लिए 25,000 रुपये तक का जुर्माना मंजूर किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तुलसी मानस प्रतिष्ठान की प्रबंधकारिणी समिति की मानस भवन में हुई बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतिष्ठान की गतिविधियों को और अधिक बढ़ाने का सुझाव दिया और संबंधितों को इसे लागू करने को कहा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश देश में गरीब बंदियों को जमानत और जुर्माना अदा करने के लिए वित्तीय सहायता देने में पहला है। यह आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों को 25 हजार रुपये तक की जुर्माना देता है। अब तक, मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने 31 बंदियों को जमानत और जुर्माना के रूप में 6 लाख 43 हजार 517 रुपये मंजूर किए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश देश में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 479 के प्रावधानों का पालन करने में अग्रणी राज्य है। इस धारा में कहा गया है, “जेल अधीक्षक, जेल में निरुद्ध अभियुक्त व्यक्ति के उपबंधित कारावास की आधार या एक-तिहाई अवधि पूर्ण होने पर, ऐसे व्यक्ति को जमानत पर निर्मुक्त करने के लिए संबंधित माननीय न्यायालय को कार्रवाई करने के लिए तुरंत लिखित में आवेदन करेगा”।इस अधिनियम के तहत राज्य में 78 कैदियों के मामले न्यायालय में भेजे गए, जिनमें से 46 को न्याय मिल गया और वे रिहा कर दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जेल और सुधारात्मक सेवाएं विभाग के अधिकारियों को दोनों मामलों में पहले स्थान पर रहने पर बधाई दी।

जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग की समीक्षा बैठक को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में निर्देशित किया। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को राज्य की जेलों में बंदियों की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने के निर्देश दिए, साथ ही उनके बौद्धिक और चारित्रिक सुधार के कार्यक्रमों को तेज करने के लिए भी कहा।

प्रदेश की सभी जेलों में ई-प्रिजन व्यवस्था लागू है, बैठक ने कहा। इस प्रणाली में बंदियों की सूचनाएं निरंतर बदलती रहती हैं। अब तक, लीगेसी डाटा के साथ ई-प्रिजन मैनेजमेंट सिस्टम ने 13 लाख 17 हजार 303 आमद दर्ज की है। आईसीडीएस भी 1 लाख 31 हजार से अधिक कैदियों की सूचना डाल चुका है। बताया गया कि 1 जुलाई 2024 से अब तक, नवीनतम आपराधिक कानून के तहत 48 हजार 139 कैदियों को ई-प्रिजन पर भेजा गया है। जेलों की क्षमता में भी वृद्धि की जा रही है।

सजा में छूट और समय पूर्व रिहाई का प्रस्ताव मान्य बैठक में विभागीय अधिकारियों ने कहा कि बंदियों को हर साल 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस पर समय पूर्व रिहाई दी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रस्ताव को मंजूर करते हुए कहा कि इस विशेष दिवस पर अच्छे व्यवहार वाले बंदियों को विशेष दंड मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में खुली जेलों की संख्या बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि खुली जेलों से बंदियों को स्वतंत्रता महसूस होती है।

उनका कहना था कि जेल सिर्फ सजा भुगतने की जगह नहीं होनी चाहिए, बल्कि चिकित्सा और पुनर्वास का स्थान भी होना चाहिए। उनका कहना था कि जेलों में सुधारात्मक कार्यों को प्राथमिकता देना चाहिए। उन्होंने काउंसलिंग, योग, कौशल विकास और आध्यात्मिक शिक्षा के कार्यक्रमों को बंदियों के लिए बढ़ाने पर बल दिया। इससे बंदियों का मानसिक और चरित्रिक विकास होगा और उनकी समाज में सकारात्मक वापसी होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रोत्साहन बैठक में कहा कि समाज भी जेल सुधार में शामिल होना चाहिए। उनका कहना था कि जेलों में सुधार कार्यक्रमों को सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की मदद से चलाने की जरूरत है। राज्य सरकार बंदियों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। विभागीय अधिकारियों ने वर्तमान कार्यप्रणाली, पिछले वर्ष की गतिविधियों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया।

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