Business News: व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खाद्य उत्पादों, अन्य उत्पादों, विद्युत, कपड़े और अन्य उत्पादों के मूल्यों में इजाफा, 2025 के मार्च महीने में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर का मुख्य कारण है।
Business News: मार्च में थोक महंगाई सूचकांक में कमी आयी है, जो फरवरी में 2.78 प्रतिशत था। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति, हालांकि, वार्षिक आधार पर बढ़ी है। मार्च में पिछले वर्ष की तुलना में महंगाई दर 0.26 प्रतिशत थी।
व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मार्च 2025 में खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, खाद्य वस्तुओं, बिजली, कपड़े और अन्य उत्पादों की कीमतें सालाना आधार पर बढ़ी हैं। थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में 3.8% की खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में 1.57% रह गई। इसकी मुख्य वजह सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट रही।
किंतु मार्च में विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.07 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 2.86% थी। ईंधन और बिजली में भी मार्च में 0.20% की वृद्धि हुई।
दरअसल, आम लोगों पर थोक महंगाई दरों के बढ़ने का सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि थोक वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे, तो आम आदमी रिटेल में थोक वस्तुओं की ज्यादा कीमत देकर इसका भुगतान करेंगे। यदि महंगाई थोड़ा कम होती है, तो वस्तुओं का मूल्य भी बाजार में कम हो जाएगा।
गौरतलब है कि थोक महंगाई तीन हिस्सों में विभाजित है। प्राइमरी लेख का वेटेज 22.62% है। ऊर्जा और बिजली का हिस्सा 13.15% है। तीसरे हिस्से में निर्मित उत्पादों का हिस्सा 64.23% है। इनमें से भी प्राइमरी आर्टिकल के चार भाग होते हैं: गेहूं, धान, अनाज, दालें और सब्जियां; खाद्य पदार्थ; ऑयल सीड, क्रूड पेट्रोलियम; और मिनरल्स।
वित्त वर्ष 2024–25 में भारत में यात्री वाहनों की थोक बिक्री सालाना आधार पर दो प्रतिशत बढ़कर 43,01,848 इकाई हो गई। मंगलवार को उद्योग निकाय सियाम ने यह जानकारी दी। सियाम (सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) ने बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में थोक बिक्री 42,18,750 इकाई रही। मार्च 2024 में 3,68,090 वाहनों से चार प्रतिशत अधिक यात्री वाहनों की थोक बिक्री 3,81,358 इकाई रही।
For more news: Business