Modi Stocks
अब शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा चुनाव जीतने से मिलने वाले लाभों से दूर होकर डिफेंसिव क्षेत्र में निवेश कर रहे हैं। दरअसल, CLSA, जिसमें कई स्टॉक्स हैं, ने इसे “Modi Stocks” नाम दिया। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार सत्ता में आए हुए एक सौ दिन बीत गए हैं, लेकिन मोदी शेयरों में मात्र 2% की वृद्धि हुई है, जबकि कंज्यूमर बेस्ड शेयरों में 20% और 34% की वृद्धि हुई है।
मोदी शेयरों का जादू क्यों नहीं चला?
वास्तव में निवेशकों को डर है कि गठबंधन सरकार की नीतिगत निर्णयों में बड़े उलटफेर हो सकते हैं। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी गठबंधन सहयोगियों पर निर्भर हैं। यह चिंता पैदा करता है कि सरकारी नीति से जुड़े शेयर बाजार से बाहर निकल सकते हैं। राइट रिसर्च एंड कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और फंड मैनेजर सोनम श्रीवास्तव ने कहा, “इंफ्रास्ट्रक्चर से कृषि और कंज्यूमर सेक्टर पर फोकस में स्पष्ट बदलाव आया है।”
मोदी की शेयर लिस्ट
आरईसी (REC), अडाणी पोर्ट्स, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, अडाणी एंटरप्राइजेस, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, ओएनजीसी, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान कॉपर, स्टील
साल के अंत तक कोई अनुमान नहीं
जेफरीज़ फाइनेंशियल ग्रुप इंक के रणनीतिकार महेश नंदुरकर ने एक रिपोर्ट में कहा कि सरकार पूंजीगत व्यय पर अपने लक्ष्य से चूक सकती है, जो इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बहुत बुरा लगेगा। ग्रीन पोर्टफोलियो प्राइवेट लिमिटेड के श्रीराम रामदास ने कहा कि मोदी ने शेयरों से बड़ी उम्मीदें की हैं, लेकिन साल के अंत तक उनका बुरा प्रदर्शन जारी रह सकता है।
(टिप्पणी: यहां दी गई जानकारी शेयरों को खरीदने या बेचने की सलाह नहीं है। स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन होता है, इसलिए निवेश करने से पहले किसी प्रमाणित एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)