राज्य

Chhattisgarh Temple: अद्भुत कहानी! जंगल में गौ-माता चुपके से बजरंगबली को दुग्ध स्नान कराती थी, स्वामी की नजर पड़ी, फिर..।

Chhattisgarh Temple News:

Chhattisgarh Temple: दूधाधारी मठ लगभग साढ़े पांच सौ वर्ष पुराना है। पहले यह स्थान घना जंगल हुआ करता था। स्वामी बलभद्र दास जी महाराज ने आश्रम में तपस्या की और जंगल में एक कुटिया बनाई। तपस्या करते समय इस स्थान का विकास हुआ।

Chhattisgarh न केवल अपनी लोक कला संस्कृति के लिए बल्कि अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। Chhattisgarh राजधानी रायपुर में कई ऐतिहासिक स्मारक हैं, जो इतिहास और आस्था से जुड़े हैं। दूधाधारी मठ रायपुर, Chhattisgarh में प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मठ अपने इतिहास और शानदार वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास 550 साल पुराना है। मठ के महंत बलभद्र दास हनुमानजी के बहुत बड़े भक्त थे।

यह मंदिर कई वर्षों से मौजूद है:

दूधाधारी मठ के निर्मल दास वैष्णव ने बताया कि राजधानी का दूधाधारी मठ करीब साढ़े पांच सौ साल पुराना है. पहले यह स्थान घना जंगल हुआ करता था। स्वामी बलभद्र दास जी महाराज ने आश्रम में तपस्या की और जंगल में एक कुटिया बनाई। तपस्या करते समय इस स्थान का विकास हुआ। कहा जाता है कि स्वामी बलभद्र दास जीवन भर दूध पर रहे। दूध पीने के कारण इस स्थान का नाम दूधाहारी पड़ा, बाद में दूधाहारी बोलचाल की भाषा में दूधाधारी हो गया। तभी से यह स्थान दूधाधारी मठ के नाम से जाना जाता है। यहां के प्रथम आचार्य बलभद्र दास जी थे। दूधाधारी मठ में भगवान बालाजी संकटमोचन विराजमान हैं।

प्रतिमा पहले से बड़ी लग रही है:

मठ में सदियों से स्थापित हनुमानजी की मूर्ति भी जादुई है। वर्षों से इसे देखने वाले लोगों का कहना है कि हनुमानजी की मूर्ति पहले से बड़ी दिखती है। निर्मल दास वैष्णव नेआगे बताया कि हनुमानजी ने दूधाधारी मठ की स्थापना से पहले ही उसमें अपना आसन जमा लिया था. जिस जंगल में हनुमानजी बैठते थे, वहां गाय माता उन्हें दूध से स्नान कराती थी और स्नान करने के बाद वे चले जाते थे। स्वामी बलभद्र दास महाराज ने यह घटना देखी और हनुमानजी की सेवा करने लगे। बलभद्र दास जी महाराज ने हनुमान जी की सेवा करते हुए इस स्थान का विकास किया। आज की स्थिति में इस ऐतिहासिक मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और दर्शन कर कर लाभ उठाते हैं|

editor

Recent Posts

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय: भारत सरकार द्वारा एकता के महाकुम्भ में ‘जन भागीदारी से जन कल्याण’ नामक डिजिटल प्रदर्शनी को देखा

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की महाकुंभ में डिजिटल प्रदर्शनी में विकास भी और विरासत भी…

4 hours ago

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को एक दिन में  2 खो खो विश्व कप जीत हासिल करने पर दी बधाई

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय टीम को एक ही दिन में दो खो खो वर्ल्‍ड कप जीतने पर बधाई…

4 hours ago

माघ मास की षठतिला एकादशी कब है? जानें पूजन की तिथि, विधि और कहानी

25 जनवरी को षठतिला एकादशी का व्रत होगा। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।…

8 hours ago

2 फरवरी या 3 फरवरी कब है बसंत पंचमी? सही दिनांक और पूजा मुहूर्त को जान लीजिए

हिंदू धर्म में बसंत पंचमी बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन माता सरस्वती, ज्ञान और विद्या…

9 hours ago

Oppo Find N5, जो सबसे छोटा फोल्डेबल फोन होगा, लॉन्च से पहले लाइव हुई फोटो लीक!

Oppo Find N5 के लॉन्च से पहले लाइव इमेज लीक हो गई है। इसे टेक…

9 hours ago