महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय जांच आयोग बनाने का फैसला किया है। आयोग एक महीने में शासन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगा। यह भी पुलिस जांच होगी। मुख्यमंत्री ने हादसे में मरने वालों के परिवारों को 25 से 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान पर्व से पहले मंगलवार देर रात हुई भगदड़ की घटना ने सुरक्षा प्रबंधों पर भी गंभीर प्रश्न उठाए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है।
तीन सदस्यीय जांच आयोग, पूर्व पुलिस महानिदेशक वीके गुप्ता और पूर्व आईएएस अधिकारी बीके सिंह, इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में बनाया गया है।
आयोग एक महीने में शासन को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगा, यह पुलिस जांच होगी। योगी ने हादसे में मरने वालों के परिजनों को 25 से 25 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
घटना से एक सबक: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को एक सबक भी बताया। सरकार ने कई बार समीक्षा करने और स्थानीय स्तर पर सतर्कता बरतने के बाद भी ऐसे हादसे हुए हैं। इसके लिए ही न्यायिक जांच आयोग बनाया गया है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार आने वाले स्नान पर्वों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रयागराज जाएंगे। साथ ही घटना का कारण खोजेंगे।
मुख्य सचिव, डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को बुधवार सुबह चार बजे ही योगी ने अपने सरकारी आवास पर बुलाकर घटना की पूरी जानकारी ली।
इसके बाद, दिन भर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें हुईं। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी मुख्यालय के कंट्रोल रूम भी मानीटिंग कर रहे हैं। एक-एक घटना पर प्रशासन, संतों और विभिन्न अखाड़ों से चर्चा की गई।
पुलिस जांच भी होगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस जांच भी होगी। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आने को लेकर पहले से तैयारी की गई थी, आखिरकार हादसा किन कारणों से हुआ।
कहा कि बुधवार को मेला क्षेत्र में कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मुस्तैद रहे। दूसरी ओर, वरिष्ठ अधिकारियों को प्रयागराज से अयोध्या-काशी जाने वाले मार्गों पर यातायात प्रबंधन की बड़ी चुनौती को देखते हुए खुद मॉनिटरिंग करने का आदेश दिया गया है।
इन बिंदुओं पर न्यायिक आयोग जांच करेगा
न्यायिक आयोग भगदड़ के कारणों और परिस्थितियों की भी जांच करेगा। इसके अलावा, यह भविष्य में ऐसी कोई घटना न होने का सुझाव देगा। न्यायिक आयोग की जांच अवधि में राज्य सरकार को बदलाव करने का अधिकार होगा।
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