आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने सफाई कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन देने के अलावा बोनस भी दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक Arvind Kejriwal ने बुधवार को बताया कि 64 हजार कर्मचारियों को महीना पूरा होने से पहले दीपावली को देखते हुए वेतन उनके खाते में भेजा गया है। साथ ही उनके खाते में बोनस भी भेजा गया है। इस दौरान उन्होंने आयुष्मान भारत अभियान पर भी चर्चा की।
उनका दावा था कि सिर्फ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में पिछले 18 साल से किसी भी कर्मचारी को समय पर भुगतान नहीं मिला है। दिल्ली नगर निगम में बीजेपी की सरकार आने के बाद कर्मचारियों को छह से आठ महीने तक वेतन नहीं मिलता था। कर्मचारियों को अपना वेतन पाने के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ा। धरना प्रदर्शन में लोगों का लगभग सत्तर से आठ प्रतिशत समय बिताया जाता था। दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार पिछले दो साल से है। हर महीने के पहले सप्ताह में उनके खाते में भुगतान मिलता है। पिछले दो साल से कर्मचारियों को वेतन के लिए धरना प्रदर्शन या हड़ताल नहीं करनी पड़ी।
दीपावली से पहले दिया गया भुगतान: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 31 अक्टूबर को अभी नहीं आया है। एक नवंबर के बाद कर्मचारियों को अक्टूबर का भुगतान मिलना था। 64 हजार कच्चे और पक्के सफाईकर्मियों को दीपावली को ध्यान में रखते हुए उनके वेतन खाते में भेजा गया है। ताकि कर्मचारी दीपावली को परिवार के साथ अच्छी तरह से मना सकें, उनके खाते में एक से सात नवंबर के बीच जानी वाली तनख्वाह 30 अक्टूबर को ही भेजी गई। उन्हें दीपावली बोनस और वेतन भी मिला है।
प्रधानमंत्री, दिल्ली की स्वास्थ्य योजना को पूरे देश में लागू करें: आयुष्मान भारत योजना पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार बहुत से घोटाले हुए हैं। सीएजी ने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने पर आपका इलाज पांच लाख रुपये तक होगा। दिल्ली में बिना भर्ती हुए भी ओपीडी में मुफ्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं। इलाज के लिए पांच लाख रुपये की सीमा नहीं है। पूरा उपचार बिल्कुल मुफ्त है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूरे देश में दिल्ली की स्वास्थ्य योजना लागू करने की अपील करता हूँ। लेकिन केंद्रीय सरकार का कहना है कि केवल आयुष्मान भारत योजना को लागू करना चाहिए और दिल्ली योजना को समाप्त करना चाहिए।
रोशनी का त्योहार, पटाखों का नहीं: दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध पर केजरीवाल ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट भी कहते हैं कि प्रदूषण को देखते हुए हमें पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए, दीये जलाने चाहिए।” यह पटाखे का नहीं, बल्कि रोशनी का त्योहार है। हम किसी पर एहसान नहीं कर रहे हैं। यह हिंदू या मुसलमान नहीं है; जो भी प्रदूषण होगा, उसका खामियाजा हमारे बच्चों को उठाना पड़ेगा।
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