सिद्धिविनायक मंदिर में नया ड्रेस कोड लागू हुआ, अब श्रद्धालु केवल इन कपड़े पहनकर भगवान को के दर्शन कर सकेंगे

सिद्धिविनायक मंदिर में नया ड्रेस कोड लागू हुआ, अब श्रद्धालु केवल इन कपड़े पहनकर भगवान को के दर्शन कर सकेंगेसिद्धिविनायक मंदिर में नया ड्रेस कोड लागू हुआ, अब श्रद्धालु केवल इन कपड़े पहनकर भगवान को के दर्शन कर सकेंगे

सिद्धिविनायक मंदिर में नया ड्रेस कोड लागू हुआ, अब श्रद्धालु केवल इन कपड़े पहनकर भगवान को के दर्शन कर सकेंगे

महाराष्ट्र के आराध्य देव सिद्धिविनायक मंदिर में अब एक नया ड्रेस कोड लागू है। भक्त अब भगवान को पूरे कपड़े पहनकर ही दर्शन कर सकेंगे।

अगर आप मुंबई जाएं और सिद्धिविनायक को नहीं देखते तो आपकी यात्रा पूरी नहीं होगी। यही कारण है कि मुंबई का आराध्य देव श्री सिद्धिविनायक है। हर दिन लाखों लोग उनके दर्शन करने आते हैं और उनसे अपनी इच्छा पूरी करने की कामना करते हैं। यह भी कहा जाता है कि सिद्धिविनायक भगवान अपने अनुयायों की इच्छाएँ पूरी करते हैं। भक्त अभी तक भगवान के मंदिर में किसी भी कपड़े में जा सकते थे, लेकिन श्री सिद्धिविनायक मंदिर के अधिकारियों ने अब एक नया ड्रेस कोड लागू किया है। जिसका पालन हर भक्त को करना चाहिए।

भक्त क्या नहीं पहन सकते?

आज से, मुंबई के श्री सिद्धिविनायक मंदिर में नया ड्रेस कोड लागू हो गया है। नए ड्रेस कोड के अनुसार मंदिर में सभी भक्तों को प्रवेश मिलेगा। मंदिर के मुख्य द्वार पर आदेश पर ड्रेस कोड के निर्देशों का बोर्ड लगाया गया है। इस बोर्ड पर कहा गया है कि मंदिर की पवित्रता को बचाने के लिए भक्तों को शालिन कपड़े पहनना चाहिए। असभ्य वेशभूषा जैसे कटी फटी जींस, स्कर्ट, अंगप्रदर्शक उत्तेजक एवं अशोभनीय वस्त्र पहन कर भगवान के दर्शन ना करें।

इस कपड़े में मंदिर जाना चाहिए

भारतीय संस्कृति का अनुसरण करते हुए ऐसे ही कपड़े पहनकर भगवान के दर्शन करें। मंदिर में प्रवेश करते समय ड्रेस कोड का पालन नहीं करने वाले भक्तों को अनुमति नहीं दी जाएगी। भक्त पूरे कपड़े पहनकर आएंगे। वहीं, महिलाओं को सूट, साड़ी और अन्य पूरे कपड़े में ही प्रवेश मिलेगा।

कोषाध्यक्ष ने बताया

भक्तों के अनुरोध पर हमने यह ड्रेस कोड लागू किया है, सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष पवन त्रिपाठी ने बताया। कुछ अनुयायी हाफ कपड़े पहनकर आते हैं, जो अशोभनीय हैं। अब श्रद्धालुओं को पूरे कपड़े पहनकर मंदिर में आना होगा। भक्तों को जो ड्रेस कोड के अनुसार कपड़े पहनकर नहीं आएंगे, उन्हें कपड़े देने की व्यवस्था हमारी ओर से की जाएगी। इस फैसले को राजनीति से नहीं जोड़कर देखा जाना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है।

For more news: Religion

Categories: धर्म
Neha:
whatsapp
line