CM Pushkar Dhami ने प्रधानमंत्री मोदी को राफ्टिंग बेस स्टेशन पर बधाई दी
CM Pushkar Dhami: उत्तराखंड के लोगों को अच्छी खबर मिली है। आपको बता दें कि पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता नामक योजना के तहत देश के 23 राज्यों के 40 अलग-अलग पर्यटक स्थलों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने 3295 करोड़ रुपये की राशि दी है। इस योजना में उत्तराखंड की योग और पर्यटन नगरी ऋषिकेश भी शामिल है। आइकोनिक सिटी ऋषिकेश (Iconic City Rishikesh) में आधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आधुनिक राफ्टिंग बेस स्टेशन को मंजूरी मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पयर्टन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है। सीएम धामी ने कहा कि ऋषिकेश ने राफ्टिंग के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। 100 करोड़ रुपये का राफ्टिंग बेस स्टेशन अब बनाया जा रहा है, जो राफ्टिंग गतिविधियों के लिए आवश्यक आधारभूत सुविधाओं का निर्माण करेगा। इससे ऋषिकेश में राफ्टिंग का विकास तेज होगा, जिससे आसपास के क्षेत्रों में पयर्टन का विकास होगा।
ऋषिकेश के राफ्टिंग पर्यटन में बुनियादी ढांचे की चुनौतियों को हल करना राफ्टिंग बेस स्टेशन परियोजना का उद्देश्य है। अंतर राज्य बस टर्मिनल पर राफ्टिंग संचालन पर इस परियोजना का ध्यान केंद्रित करना है। इसके अलावा, अधिक धन खर्च करने की क्षमता वाले लोगों को आकर्षित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए मानकीकृत बुकिंग प्रणाली और नवीनतम सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है।
आपको बता दें कि इस परियोजना का उद्देश्य पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक केंद्रीकृत राफ्टिंग बेस स्टेशन बनाना है, जिसमें शौचालय, कपड़े बदलने की उचित व्यवस्था और सड़क किनारे खानपान की छोटी दुकानें शामिल हैं। इसमें तपोवन क्षेत्र में भीड़भाड़ को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों का निर्माण और आईटीसी आधारित निगरानी प्रणाली को लागू करना भी शामिल है।
1500 लोगों को काम मिलेगा
साथ ही अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली भी बनाई जाएगी, जो पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देगा और क्षेत्र के ईको सिस्टम को सुरक्षित रखेगा। इसके अलावा, इस परियोजना से लगभग 1500 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। उत्तराखंड सरकार इस योजना को लागू करेगी और जमीन भी देगी। यह केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की देखरेख में होगा। राज्यों को योजना का 66 प्रतिशत भुगतान किया गया है। राज्यों को इस योजना के तहत विकसित हो रहे पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए दो वर्ष की अवधि दी गई है।