गूगल ने दो नए AI सुरक्षा टूल जारी किए हैं जो एंड्रॉइड यूजर्स को सुरक्षित रखते हैं
गूगल ने दो नए AI सुरक्षा टूल जारी किए हैं जो एंड्रॉइड यूजर्स को सुरक्षित रखते हैं। ये टूल वास्तविक समय में फोन कॉल-आधारित धोखाधड़ी और खतरनाक ऐप्स से बचाव करने के लिए गतिविधि को मॉनिटर करते हैं। ताकि संभावित धोखाधड़ी कॉल की पहचान की जा सके, पहला टूल, “स्कैम डिटेक्शन इन फोन,” बातचीत के पैटर्न की जांच करता है। एप को इंस्टॉल करने के बाद, दूसरा टूल, “गूगल प्ले प्रोटेक्ट रियल-टाइम अलर्ट्स”, ऐप की बैकग्राउंड गतिविधि को देखता है और संदिग्ध ऐप्स को खोजता है।
गूगल ने कहा कि फिलहाल पिक्सल 6 और उससे नए मॉडल्स में ये विशेषताएं उपलब्ध होंगी। “स्कैम डिटेक्शन इन फोन” टूल पहले केवल अमेरिका में गूगल बीटा प्रोग्राम में शामिल यूजर्स को मिलेगा और केवल अंग्रेजी भाषा की कॉल पर काम करेगा। वहीं, गूगल प्ले प्रोटेक्ट अलर्ट्स अमेरिका से बाहर भी उपलब्ध होंगे।
पारंपरिक कॉलर आईडी, जो केवल नंबरों और कॉलिंग पैटर्न को ट्रैक करता है, इस नए फीचर से अलग है। इसके बजाय, गूगल का मशीन लर्निंग मॉडल रियल-टाइम कॉल बातचीत पैटर्न को प्रोसेस करके यह पता लगाने की कोशिश करता है कि क्या कॉल धोखाधड़ी वाली हो सकती है या नहीं। उदाहरण के लिए, यदि कॉलर बैंक से पैसे ट्रांसफर करने का दावा करता है, तो AI मॉडल आवाज़ की जानकारी का विश्लेषण करके पता लगा सकता है कि क्या इसी पैटर्न को पहले स्कैम में इस्तेमाल किया गया था।
AI एक विजुअल चेतावनी और ऑडियो अलर्ट देगा अगर कॉल स्कैम की संभावना लगती है। डिफ़ॉल्ट रूप से यह फीचर बंद है, लेकिन उपयोगकर्ता इसे सभी कॉल्स के लिए या केवल एक विशिष्ट कॉल के लिए चालू कर सकते हैं। गूगल ने बताया कि इस प्रक्रिया में कोई ऑडियो या ट्रांसक्रिप्शन स्टोर नहीं होता, न ही गूगल सर्वर पर कोई संदेश भेजा जाता है।
गूगल प्ले प्रोटेक्ट, जो खतरनाक ऐप्स को प्ले स्टोर पर पहचानता है, एक अतिरिक्त सुविधा है। यह रियल-टाइम खतरनाक ऐप्स पर रियल-टाइम नज़र रखने वाली नई “लाइव थ्रेट डिटेक्शन” सुविधा AI से संचालित है। यह टूल यूजर को रियल-टाइम चेतावनी देगा अगर किसी ऐप की गतिविधि संदिग्ध लगती है।