Bhupinder Hooda Vs Shailaja Kumari
Bhupinder Hooda Vs Shailaja Kumari: हरियाणा में विधानसभा चुनाव शुरू हो गए हैं। उम्मीदवारों के नाम घोषित हो चुके हैं। नामांकन निरंतर जारी है। साथ ही, सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे को घेरने के लिए एकजुट हो गए हैं। लेकिन इन सबके बीच, कई राजनीतिक दलों में भी अंदरूनी संघर्ष हैं। भारतीय जनता पार्टी में टिकट बंटवारे से नाराज कई नेताओं ने पाला बदला, जबकि कई ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। कांग्रेस पार्टी भी इसी तरह है। लेकिन चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा बनाम शैलजा कुमारी, कांग्रेस के पास एक अलग मुकदमा है।
CM का मुकदमा Bhupinder Hooda Vs Shailaja Kumari
कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और मौजूदा लोकसभा सांसद शैलजा कुमारी ने पहले ही हरियाणा की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी घोषित कर दी है। शैलजा ने कुछ दिन पहले न्यूज18 से बात करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का असली अधिकार है। हुड्डा अपने घर में सीएम का चुनाव करें। शैलजा अपनी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी छोड़ दी है। कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी की गई उम्मीदवारों की सूची से स्पष्ट होता है कि हुड्डा परिवार अभी भी पार्टी में मौजूद है। शैलजा कुमारी को इसलिए विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला है। हुड्डा के चलते ही हरियाणा में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं किया है।
शैलजा पांच बार सांसद बनीं
शैलजा कुमारी एक तेजतर्रार नेता है। उन्हें बेदाग माना जाता है और वह कई दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। अब तक, शैलजा कुमारी पांच बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। 1996 में शैलजा ने सिरसा लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थीं, जब देश भर में कांग्रेस के खिलाफ लहर थी। 1991 में शैलजा पहली बार सांसद बनीं। उसके बाद उन्होंने 1996, 2004, 2009 और 2024 में लोकसभा चुनाव जीते। शैलजा कुमारी सिरसा 1991 और 1996 में चुनाव जीतीं। वहीं शैलजा ने 2004 और 2009 में अंबाला सीट पर जीत हासिल की थी। शैलजा 1990 में महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बन गई।
पिता भी कांग्रेस नेता
नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय शिक्षा और संस्कृति राज्य मंत्री भी रहीं। 2019 से 2022 तक शैलजा हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष थीं।शैलजा कांग्रेस में एक प्रमुख दलित चेहरा हैं। शैलजा के पिता चौधरी दलबीर सिंह भी एक प्रसिद्ध कांग्रेसी नेता रहे हैं। दलबीर सिंह ने सिरसा लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसदी चुनाव जीते हैं। 1967, 1971, 1980 और 1984 के चुनावों में जीत हासिल की। Sheila 2014 से 2020 तक कांग्रेस से राज्यसभा सांसद भी रही हैं। शैलजा ने मनमोहन सरकार में भी राज्य मंत्री का पद धारण किया है।
2005 में हुड्डा पहली बार सीएम बने
2005 के विधानसभा चुनाव के परिणामों ने कांग्रेस को उत्साहित कर दिया था। क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस की लंबे समय बाद वापसी हुई। लेकिन सीएम पर बहस जारी थी। 4 मार्च 2005 को घोषणा की गई कि भूपेंद्र हुड्डा सीएम बनेंगे। तीन बार सीएम रहे चौधरी भजनलाल, रणदीप सुरजेवाला और बीरेंद्र सिंह ने भूपेंद्र हुड्डा से संघर्ष किया था। हुड्डा ने चार बार सांसद और दो बार सीएम का पद संभाला। उनके पिता, रणबीर हुड्डा, तीन बार सांसद और हरियाणा सरकार में एक बार मंत्री रहे हैं। वहीं, भूपेंद्र हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा ने चार बार लोकसभा चुनाव जीता है।