Brij Bhushan Sharan singh
Brij Bhushan Sharan singh बीजेपी के पूर्व सांसद ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट पर कड़ा हमला बोला है। यौन शोषण के आरोपों में घिरे बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर उनके खिलाफ हुआ आंदोलन खिलाड़ियों का नहीं, बल्कि एक परिवार और अखाड़े का था। बीजेपी ने हालांकि सख्त आदेश दिया है कि विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को लेकर सार्वजनिक रूप से बयानबाजी नहीं की जाए.
दिल्ली में आंदोलन की अगुवाई कौन कर रहा था, Brij Bhushan Sharan singh ने उत्तर प्रदेश के गोंडा में मीडिया से बातचीत में बताया। दिल्ली में आंदोलन को कौन कर रहा था लीडर भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा कर रहे थे। प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं, और आज कांग्रेस के बारे में जो बातें सामने आ रही हैं, आंदोलन खिलाड़ियों का नहीं, बल्कि एक परिवार और अखाड़े का प्रदर्शन था। जीजा, साली और एक अखाड़ा शामिल था। पुराने सांसद ने कहा कि पांच हजार वर्ष पहले द्रौपदी को दांव पर लगाया गया था और पांडव हार गए। आज भी देश ने माफ नहीं किया है। वैसे ही हुड्डा परिवार ने हमारे देश की बहन बेटियों को धोखा दिया है। उन्हें देश क्षमा नहीं करेगा।
मेरी कुंडली में कांग्रेस बैठी है
पूर्व सांसद ने कहा कि उन पर तीन मामले का आरोप लगा है। मैं हर चीज से बाहर था। मैं एक में सर्विया में हूं और दो में लखनऊ में हूं। यह अब कोर्ट के पास है, लेकिन जब बातें सामने आएंगी तो जवाब देते नहीं बनेगा। बजरंग पुनिया के बयान पर बृजभूषण ने कहा कि उन्होंने अपनी पत्नी को दांव पर लगा दिया और उनकी मानसिकता खराब है। मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि वे बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में क्यों गए? उसने हमारी कुंडली में बैठी कांग्रेस पर भी हमला बोला। 1974 में मेरा घर गिराया गया था, तब भी कांग्रेस की सरकार थी। कांग्रेस की सरकार तब भी थी, जब पहला मुकदमा लिखा गया और मेरे ऊपर टाडा लगा। मेरी कुंडली में कांग्रेस में बैठी है।
ब्रजभूषण को बयानबाजी न करने की सलाह
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बृजभूषण शरण सिंह ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से फोन पर बात की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से उन्हें हिदायत दी गई है कि विनेश और बजरंग पुनिया को लेकर कोई बयानबाजी न हो। बीजेपी को असल में डर है कि इससे हरियाणा चुनाव में नुकसान हो सकता है। ध्यान दें कि विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही बृजभूषण शरण सिंह लगातार आलोचनाओं का शिकार हैं।